और फिर इस रात की सुबह नहीं...जी हां...ममता बैनर्जी के दबाव में आकर छाती ढोंक कर मंत्री पद देने वाले सांसदों में से कुछ सांसद अब अपने फैसले पर पछता रहे हैं....मीडिया के गलियारों से जो ख़बर आ रही है उसके मुताबिक केंद्र सरकार के कड़े फैसलों के विरोध में समर्थन वापसी कर अपने छह सांसदों को मंत्री पद गंवाने के लिए मजबूर करने वाली ममता बनर्जी के असंतुष्ट सांसद सौगत राय, सोमेन मित्र, अंबिकेश बनर्जी, कबीर सुमन और रत्ना डे नाग अब खुद ममता का साथ छो़डने वाले हैं.....इनमें से कुछ सांसदों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाली ममता के लिए यह बडी बैचेन कर देने वाली ख़बर है...इन सांसदों को ममता ने साम दाम दंड़ भेद की नीत अपनाकर मनाया था...दबाव में आकर इन्होंनें इस्तीफा तो दे दिया था पर अब ..ये ममता का भी साथ छो़ड़ सकते हैं.....तो दूसरी तरफ कांग्रेस की मंत्रीमंड़ल में फेरबदल की कोशिशों पर भी सरकार की पेशानी में बल पड़ रहे हैं....मंत्रिमंडल के मलाईदार पदों को लेकर द्रमुक और कांग्रेस में अभी पूरी सहमति नहीं बन पाई है। ए राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर कांग्रेस द्रमुक को मंत्रिमंडल में भागीदारी देना चाहती है, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मंत्रालय द्रमुक को देने के पक्ष में कांग्रेस नहीं है। दोनों और नाव डवांडोल की स्थिति में है....अब देखना है कि ऊंट किस करवट बैठेगा....
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