Monday, March 18, 2019

प्रेम, समर्पण और बगावत का गजब संयोग है ‘केदारनाथ’

                                                                                  मैं ऐसा इसलिए नहीं कहूंगा कि आपको फिल्म इसलिए देखनी चाहिए कि उसमें वो दो कलाकार हैं जिनके साथ उनके नाम और कोई ख़ास सरनेम जुडा है, बल्कि मैं आपको फिल्म देखने के लिए इसलिए कहूंगा कि इसमें प्यार का वो रस है जिसे पाने की चाहत में ना कितने दीवाने, दीवारों में सर फोड़ के यूं ही मर जाया करते हैं। बर्फ की सफेद ठंडी चादरों की ओढ़नी से लिपटे केदारनाथ के सीने में कैद एक ऐसी प्रेम कहानी जो उपजी तो रीति रिवाज और सत्ता पाने के लालच की अधूरी लालसा के बीच लेकिन पनपनी प्रकृति और उस सर्व शक्तिमान की आराधना के बीच, जिसकी आवाज नमाज़ के दौरान भी सीने में गरमाहट पैदा करती है।
इसमें कोई दो राय नहीं समाज के दो समुदायों के विभाजन के पाटों के बीच ना जाने कितनी मजबूर जिंदगियां पिस जाया करती होंगी, लेकिन यह भी सच है कि इन पाटों के बीच के भेद को इतनी ख़ूबसूरती से शायद ही कभी फ़िलमाया गया हो। केदारनाथ की इन ख़ूबसूरत वादियों के बीच आप खुद को मंसूर के साथ खडा पाते हैं। तो मुक्कू का दर्द आपको ख़ुद के सीने में महसूस होता मालूम पड़ता है। हालांकि हमेशा की तरह इस फिल्म की कहानी भी दो अलग धर्मों के किरदारों के आपस में प्रेम में पड़ने की कहानी है, लेकिन अभिषेक कपूर ने इस प्रेम कहानी को जिस नये अंदाज में फ्रेम किया है, वह अद्भुत है, कहानी धर्म के नाम पर हो रहे व्यापार पर भी तीखा कटाक्ष भी करती है, तो हिन्दू-मुस्लिम के भाईचारे और उनके बीच के प्रेम को भी दिखाती है, सारा अली खान, अमृता सिंह की यादों को ताजा करती है , उनकी कलाकारी ‘बेताब’ की बरबस याद दिला जाती है, इसमें कोई दो राय नहीं सारा अली ख़ान पूरी फिल्म की जान हैं उन्होंने एक छाप छोडी है। कैमरे के सामने उनकी एक्टिंग उन्हें बिल्कुल स्वाभाविक बनाती है। सुशांत सिंह राजपूत हमेशा की तरह अपने किरदार के साथ न्याय करते नज़र आए, हालांकि म्यूजिक थोडा सा कमतर है, लेकिन इस कहानी में संगीत का उतना स्थान भी नहीं बनता, केदारनाथ की खूबसूरती वादियां आपको पूरे समय अपने साथ बांधे रहेंगी, तो 2013 के प्रलय का सीन आपकी सांसों को रोकने के लिए काफी है, मैं अगर इस फिल्म को रेटिंग दूं तो 4/5 होगा। अगर आप केदारनाथ की खूबसूरती वादियों को देखने की चाहत रखते हैं तो जरूर जाएं, सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली ख़ान की दमदार एक्टिंग आपको जरूर मोह लेगी, डायरेक्टर अभिषेक कपूर ने पूरी ईमानदारी के साथ फिल्म को आपके लिए बनाया है। एक बार जरूर देखें।

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