Tuesday, September 18, 2012

वो सिर्फ हिन्दू नहीं इंसान भी हैं।


पाकिस्तान में हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन करने पर दबाब बनाया जा रहा है। राजस्थान से डिपोर्ट हुए हिन्दू परिवार पाकिस्तान में मुस्लिम धर्म अपनाने को मजबूर हो रहे हैं। कारण साफ है मुस्लिम नहीं, तो जीना मुहाल। बहू-बेटियों की इज्जत से लेकर जान माल तक सब ख़तरे में। पाकिस्तान ही नहीं विश्व के कई अन्य मुस्लिम देशों में हिंदूओं की स्थिति ठीक नहीं है....उन पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं.........और उनसे जबरदस्ती धर्म परिवर्तन भी कराए जा रहे हैं....पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ जो हो रहा है वो अब किसी से भी  नहीं छिपा है...पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है । दशा इतनी खराब हो गई है की आए दिन कोई न कोई हिन्दू परिवार का कोई सदस्य इस्लामिक कट्टरपंथियों का शिकार बनाता है ।  बलात्कार और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं में पिछले 4-5 वर्षों में इजाफा हुआ है ...


                                                       यही कारण है की पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू समाज के लोग
विभिन्न क्षेत्रों से या तो सुरक्षित स्थानों की ओर या फिर भारत की और पलायन कर रहे है। ऐसा नहीं कि इन हालात का खुलासा मीडिया या अख़बारों से पढ़ने को मिल रहा हो, हमेशा आतंक के साए में जीने को मजबूर हिन्दू समाज से जुड़ी इस सच्चाई का खुलासा खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी किया था। रिपोर्ट के अनुसार 2010 में ‘ओरकजाय’ एजेंसी नामक इलाके से 102 सिख परिवारों में से करीब 25 प्रतिशत लोगो ने तालिबान के फरमान के बाद अपना घर छोड़ दिया सभी घटनाओं में पुलिस प्रशासन का रवैया भी उनके प्रति भेदभावपूर्ण रहा हैं, पाकिस्तान की सीनेट की अल्पसंख्यक मामलों की स्थायी समिति ने अक्तूबर 2010  में ऐसी घटनाओं को रोकने ठोस उपाय करने की अपील की थी, लेकिन सरकार हमेशा कट्टरपंथियों के साथ देती नज़र आई ।पूरे पाकिस्तान में सिर्फ 2 जिले ऐसे है जहां हिन्दू आबादी 40% से ऊपर है। पाकिस्तान के हिन्दुओं की शिकायत रहती है की भारत सरकार उनके मामले को पाकिस्तानी सरकार के साथ नहीं उठा रही है पाकिस्तान का हिन्दू समुदाय अक्सर भारत में अपने वीजा का समय बढ़ाने और भारतीय नागरिकता देने की मांग करता है। अकेले बलूचिस्तान से करीब 500 हिन्दू परिवारों ने अपना घर बार छोड़कर के पलायन कर दिया है । स्थिति इतनी खराब हो चुकी है की हिन्दू परिवार की लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है ।  इसके लिए कट्टरपंथी पहले हिन्दू लड़कियों का अपहरण करते है और फिर उनके साथ बलात्कार करते है  अपहरण के 90% मामलों मे लड़कियों के साथ बलात्कार अवश्य किया जाता है फिर लड़कियों के ऊपर मुस्लिम बनने का दबाव डाला जाता है । पाकिस्तान के मानवाधिकार की माने तो ऐसे मामलों मे वहाँ की स्थानीय अदलते भी न्याय नहीं देती । अधिकतर मामलों मे अदालते कट्टरपंथियों के सामने झुक जाती है । नतीजन 12-13 वर्ष की नाबालिक लड़कियों व उनके परिवारों को संरक्षण देने के, जबरदस्ती उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है । इस तरह की घटनाएँ विशेष रूप से पाकिस्तान के व्यापारिक शहर कराची में हो रही है । जहां पर मौजूद समय में 80 हजार से भी कम हिन्दू बचे हैं जबकि 1998 की जनगणना के अनुसार कराची की आबादी 9,856,318 थी जिसमें 96% आबादी मुस्लिम थी । 90% जिले ऐसे हैं जहां हिन्दू आबादी 1% से भी कम है उमरकोट मे सबसे अधिक हिन्दू आबादी रहती है 3 लाख । वर्तमान में पाकिस्तान में हिन्दुओं की आबादी लगभग 25 लाख है जबकि कुल आबादी 13 करोड़ है ।  सिंध और बलूचिस्तान कभी हिंदु बहुल क्षेत्र माने जाते थे । मगर तालिबानी कहर और धार्मिक कट्टरवाद के चलते यहाँ से भी उनका लगभग सफाया हो गया बीते तीन वर्षों में क्वेटा सहित कई व्यावसायिक क्षेत्रों में कई हिन्दू व्यापारियों का अपहरण करके हत्या की घटनाएं हुई हैं ।  1947 में हिन्दुओं की जनसंख्या 20 % तक थी लेकिन छह दशकों में वहाँ के मुस्लिम हिन्दुओं पर बकासुर की तरह टूट पड़े और आज यह हालत है की हिन्दू जनसंख्या 1.6% हैं ......जबकि भारत में देखें तो सन् 1951 के बाद हिन्दू जनसंख्या तो 9  प्रतिशत घट गयी जबकि मुस्लिम जनसंख्या 3 प्रतिशत बढ़ गयी है। अर्थात 1951 में देश में 85 प्रतिशत हिन्दू थे वे आज 2001 में 80 से भी कम रह गये हैं। और मुस्लिम जनसंख्या 1951 में 10 प्रतिशत थी वो 2001 में बढ़कर 13 प्रतिशत हो गयी है। देश के चालीस जिले 50 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले हैं। जम्मू कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जबरदस्त मुस्लिम आबादी वाले राज्य हैं। बांग्लादेश से लगे सभी 10 जिले और 22 लोकसभा क्षेत्र मुस्लिम बहुल हो गये हैं। असम के 6 जिले तथा 126 में से 40 विधान सभा क्षेत्र मुस्लिम प्रभुत्व वाले बन गये हैं। पश्चिम बंगाल के 28 हजार गांवों में से 8 हजार गांवों में हिन्दू अत्यन्त अल्प संख्या में हैं तथा 10 जिले 24  प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश के 70 में से 19 जिले 20  प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले हैं। हरियाणा की मुस्लिम जनसंख्या तीन गुनी हो गई है। जम्मू कश्मीर के 7 जिले 90 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी वाले हैं। सम्पूर्ण केरल में मुस्लिम जनसंख्या 19.2 प्रतिशत हो गयी है। देश की राजधानी दिल्ली में 1951 में मुस्लिम जनसंख्या 5.71 प्रतिशत थी जो अब 11.72 प्रतिशत हो गयी है। अर्थात दो गुनी। उत्पीड़न की बड़ी घटनाओं के चलते पाकिस्तान से आए हिन्दू पुनः पाकिस्तान नहीं गए । वे पुनः पाकिस्तान जाकर भी क्या करेंगे, पाकिस्तान में भी कई नेताओं ने अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न की बात स्वीकार की है। हिन्दुओं की समस्या को लेकर न तो उसने कभी पाकिस्तान सरकार से शिकायत की और न ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मसले को उठाया।  इस मामले को पुरजोर तरीके से पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक स्तर पर उठाना चाहिए। भारत को इस समस्या को नए परिप्रेक्ष्य में देखकर रणनीति बनानी होगी। पाकिस्तान से आए इन अल्पसंख्यक परिवारों को भारत में शरणार्थी का दर्जा दिया जाना चाहिए। जो परिवार अभी भी पाकिस्तान में बचे हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार पाकिस्तान पर दबाव बनाए। आखिर पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की जिम्मेदारी पाक सरकार की है जो उन्हें उठानी ही चाहिए।

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