सोशल मीडिया और महिलाएं और स्त्री कुंभ
क्या सोशल मीडिया के व्यापक विस्तार से महिलाओं को खास तौर पर कोई लाभ हुआ है। इस मुद्दे पर विचार के लिए 30 सितंबर 2014 को हंसराज कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी पत्रिका 'मीडिया मैप' और नारी विकास केंद्र (हंसराज कॉलेज) द्वारा संयुक्त रूप से 'स्त्री कुम्भ' और'सोशल मीडिया और महिलाएं ' विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी (सेमिनार) का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती रंजना कुमारी ने शिरकत की।
'स्त्री कुम्भ' में मीडिया शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में इंडियन एयरलाइंस की पहली महिला निदेशक सुषमा चावला, वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति सुयोग पर काम करने वाली डाक्टर आरती कुमार को सम्मानित किया गया। डाक्टर आरती कुमार ने सुयोग को न सिर्फ भारत में बल्कि संयुक्त अरब अमीरात में भी लोकप्रिय बनाया है।
योग और आयुर्वेद पर अंग्रेजी और हिंदी में कई पुस्तकें लिखने वाली डाक्टर सुधा शर्मा को इस मौके पर सम्मानित किया गया। वहीं कार्यक्रम में महिलाओं के लिए उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डाक्टर रमा सहारिया ( अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल पीजी महिला कालेज, रामपुर) को सम्मानित किया गया।
डॉक्टर रमा को मातृशक्ति पुरस्कार
इस मौके पर हंसराज कालेज की हिंदी की शिक्षिका डॉक्टर रमा को पद्मभूषण कल्याण देव मातृशक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पुरस्कार राशि के तौर पर 51 हजार रुपये दिए गए। यह पुरस्कार उन्हें साल 2013 में भारतीय मुद्रित माध्यम में स्त्री की छवि पर केंद्रित सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के लिए दिया गया।
सोशल मीडिया और महिलाओं पर 30 पेपर
कार्यक्रम के आयोजन में भारतीय जन संचार संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष रहे डाक्टररामजी लाल जांगिड और अंग्रेजी के अध्यक्ष रहे प्रदीप माथुर की भूमिका अग्रणी रही। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये मीडिया शिक्षकों ने भाग लिया। इस आयोजन के दूससे सत्र में सोशल मीडिया और महिलाएं पर 30 पेपर पढ़े गए। इसमें 15 पेपर हिंदी में थे। इस दौरान देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर से सुनीता वर्मा, भोपाल के केशव पटेल, गुरुनानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर से डाक्टर पुनीत कौर, इंडिया टूडे आनलाइन से सुरेश कुमार, पारुल जैन, वीनीता कुमार ने अपने पर्चे के द्वारा सोशल मीडिया और महिलों पर उल्लेखनीय विचार साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन पारूल जैन ने किया। इस दौरान बहुत से नए विचार सामने आए। संगोष्ठी में भाग ले रहे कई वरिष्ठ पत्रकारों ने ये कहा कि इस संगोष्ठी में उन्हें कई नई जानकारियां मिली और उन्होंने भी अपने कई अनुभव सभी के साथ बांटे।
हर साल होगा स्त्री कुंभ, सत्या जांगिड ने दिए एक लाख
नारी सशक्तिकरण में उल्लेखनीय योगदान करने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए हर साल स्त्री कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के लिए कालिंदी कालेज की अवकाशप्राप्त अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डाक्टर सत्या जांगिड ने एक लाख रुपये का योगदान किया। डाक्टर सत्या जांगिड के पति और पत्रकारिता के दिग्गज प्रोफेसर डाक्टर रामजीलाल जांगिड ने बताया कि हमारी योजना एक ट्रस्ट बनाने की है जिसके पास एक करोड़ रुपये की जमा राशि हो। इस राशि के ब्याज से हर साल छोटे छोटे कस्बे से निकल कर बड़े महानगरों में पहचान बनाने वाली नारी शक्ति को सम्मानित किया जाएगा। खुद डाक्टर सत्या जांगिड़ की बात करें तो वे गाजीपुर जैसे छोटे से शहर से आई थीं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से वसंत कालेज में अध्यापन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंची। शुरू से स्त्री शक्ति को मजबूत बनाना उनका लक्ष्य रहा। जो लोग इस स्त्री कुंभ के इस अभियान से जुड़ना चाहते हों वे इस ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं –
बहुत उपयोगी जानकारी से परिपूर्ण पोस्ट।
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