Saturday, December 27, 2014

कहीं प्यार है तो कहीं रार...

एक तरफ जहां झारखंड में भाजपा ने सीएम तय कर दिया है जो वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में भाजपा को सरकार बनाने में पसीने आ रहे हैं....पार्टी के बडे नेता चुनाव परिणाम आने के बाद से ही जम्मू कश्मीर में डेरा डाले हुए हैं.........दिल्ली से VIA झारखंड होते हुए  जम्मू कश्मीर तक भाजपा के लिए कहीं प्यार है तो कहीं रार......झारखंड में भाजपा के लिए सरकार बनाना जितना आसान है उससे कहीं ज्यादा मुश्किल उसे जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने में आरही है....सीएम पद से लेकर धारा 370 पर ना तो कोई सहमति बनी है और ना ही बनती दिखाई दे रही है...तो वहीं पीडीपी के भीतर भी भाजपा से गठबंधन को लेकर विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं....

भाजपा ने झारखंड में अपना सीएम तय कर दिया है..... रघुवर दास राज्‍य के पहले गैरआदिवासी मुख्‍यमंत्री होंगे...... उन्‍हें शुक्रवार को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया..... लेकिन... जम्मू-कश्मीर में अभी भी सरकार और सीएम को लेकर कोहरा और धुंध छाया हुआ है.....जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और पीडीपी में बातचीत चल रही है....... पीडीपी के मुजफ्फर बेग और भाजपा के राम माधव  के बीच गुरुवार रात को इस मसले पर बातचीत भी हुई थी........ इस बीच पूर्व अलगाववादी नेता सज्जाद लोन ने बीजेपी को समर्थन देने का एलान कर डाला...... सज्जाद लोन की पार्टी के दो विधायक हैं......तो पीडीपी में  बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन को लेकर विरोध लगातार बढता जा रहा है........ इसकी वजह यह है कि धारा 370 समेत कई प्रमुख मुद्दों पर दोनों पार्टियों की राय एक सी नहीं है........पीडीपी के बीच बीजेपी को लेकर असंतोष की एक वजह यह भी है कि पार्टी मेंबर्स सीएम पद बीजेपी के हिस्से में नहीं जाने देना चाहते....तो वहीं गुरुवार को ही  भाजपा नेताओं की  उमर अब्‍दुल्‍ला से मुलाकात की खबर आई ......हालांकि राम माधव ने इस तरह की बातों का खंडन भी  किया ...... तो उधर श्रीनगर में अरूण जेटली ने भाजपा के विधायकों से बैठक के बाद कहा कि भाजपा ने सरकार बनाने को लेकर रणनीति तय कर ली है.... अब इस पर केंद्रीय नेतृत्‍व को कदम उठाना है....तो शनिवार को पीडीपी ने भाजपा के सामने 5 शर्तें और रख दी..... पीडीपी चाहती है कि छह साल तक मुख्यमंत्री उसी का हो और यह कुर्सी मुफ्ती मोहम्मद सईद को मिले....दूसरी शर्त है कि शांत इलाकों से AFSPA  कानून हटाया जाए..... संविधान के अनुच्छेद 370 को और मजबूत किया जाए..... सेल्फ रूल प्रपोजल का सम्मान किया जाए  यानी सरहद पार आने-जाने में थोड़ी नरमी बरती जाए और पांचवी शर्ते के रूप में कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए एक बड़ा आर्थिक पैकेज दिया जाए ...तो वहीं भाजपा तीन-तीन साल के रोटेशन पर मुख्यमंत्री पद मांग रही है......भाजपा के इस प्रपोजल पर  पीडीपी  तैयार नहीं है..... पीडीपी ये बात अच्छे से जानती है यदि भाजपा का ये प्रस्ताव स्वीकार किया गया तो जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिलना तय हो जाएगा...साथ ही पीडीपी की लोकप्रियता में भी कमी जरूर आयेगी ...... भाजपा को इससे ज्यादा फायदा मिलेगा जबकि पीडीपी को नुकसान होगा.....

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