इश़्क के कई मायने होते हैं, कुछ आंखों से उतर कर दिल में
हमेशा के लिए कैद हो जाते हैं तो कुछ आंखों ही आंखों में रह जाते हैं. इश़्क हर
दौर में मौजूद रहा है तो हर दौर में इश्क के मायने भी अलग-अलग होते गए है। इंदौर
की वो गलियां जिनमें उपभोक्तावाद ने तेजी से अपने पैर पसारे औऱ देखते-देखते ही
निमाडी और मराठी गीतों की धुनें ना कब पब, डिस्को और मॉल की रंगीनियों में लाउड हो
गए किसी को पता ही नहीं चला। एक मध्यम कद काठी का शहर जब तेजी से अपने पैर फैलाता
है तो वो सब आत्मसात कर लेता है। उसके चेहरे की मुस्कुराहट से लेकर आत्मा की सौंधी
खुशबू सब मलीन हो जाती है। लेकिन इस दौर में भी इस शहर की एक जोडी आंखे बडी शिद्दत
से इस बदलाव के बीच कुछ परिवर्तन को बडे गौर से निहार रही थी। स्वाभाविक उसका इस
शहर को इस बदलना कुछ रास नहीं आ रहा था, और यही तड़प मनीषा के ये इश्क के रूप में
हमारे सामने आया।Sunday, June 2, 2019
रूमानी किस्सों का अहसास है ये इश़्क
इश़्क के कई मायने होते हैं, कुछ आंखों से उतर कर दिल में
हमेशा के लिए कैद हो जाते हैं तो कुछ आंखों ही आंखों में रह जाते हैं. इश़्क हर
दौर में मौजूद रहा है तो हर दौर में इश्क के मायने भी अलग-अलग होते गए है। इंदौर
की वो गलियां जिनमें उपभोक्तावाद ने तेजी से अपने पैर पसारे औऱ देखते-देखते ही
निमाडी और मराठी गीतों की धुनें ना कब पब, डिस्को और मॉल की रंगीनियों में लाउड हो
गए किसी को पता ही नहीं चला। एक मध्यम कद काठी का शहर जब तेजी से अपने पैर फैलाता
है तो वो सब आत्मसात कर लेता है। उसके चेहरे की मुस्कुराहट से लेकर आत्मा की सौंधी
खुशबू सब मलीन हो जाती है। लेकिन इस दौर में भी इस शहर की एक जोडी आंखे बडी शिद्दत
से इस बदलाव के बीच कुछ परिवर्तन को बडे गौर से निहार रही थी। स्वाभाविक उसका इस
शहर को इस बदलना कुछ रास नहीं आ रहा था, और यही तड़प मनीषा के ये इश्क के रूप में
हमारे सामने आया।
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